पिता क्या हैं
वो छत जो हर दुःख से बचाए
वो सीढ़ी जो हर कदम पर साथ निभाए
वो कंधा जिस पर हैं बचपन खेला
वो गुरु जो अच्छा बुरा सब सिखाए
वो दोस्त जो जरूरत में काम आए
वो उम्मीद जो कभी ना टूटे
वो डाट जो हर गलती से बचाए
वो ज़िन्दगी जो जीने का मतलब सिखाए
वो खुशी जो कभी कम ना हो
वो साथ जो कभी ना छूटे
वो प्यार जिसकी अहमीयत बाद में समझ आए
– Sneha Sharma
Want to read a beautiful poem about ‘Emotions of a Child’. Please click here.